ना राम रहे, ना रहमान रहे
ना गीता रहे, ना क़ुरान रहे
जमकर करना, मतदान मगर
तब दिल में, बस हिंदुस्तान रहे
मुल्क का मुस्तक़बिल, सवारने का
मौका मिलता है सालों में
मत का मूल्य न घुलने देना
मयखानों के प्यालों में
आरक्षण से पहले
हो शिक्षा और रोज़गार का मुद्दा
धर्म-भ्रान्ति से बढ़कर
हो तकनीक और विज्ञानं का मुद्दा
न विषदान करें, न विषपान करें
हर मज़हब का सम्मान करें
बस देश का भाग्य बदलना है
इस सोच से सब मतदान करें
ना राम रहे, ना रहमान रहे
ना गीता रहे, ना क़ुरान रहे
जमकर करना, मतदान मगर
तब दिल में, बस हिंदुस्तान रहे
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