बोलो प्रिये क्या दूँ तुम्हे, कुछ भी नहीं मेरे पास है
पर साथ मेरे हो तुम सदा, इस बात का एह्सास है
ये जो तन है मेरा, मन है मेरा, वो भी वतन के नाम है
नींद मेरी, सांसे मेरी, सब देश पर कुर्बान है
रह सकता नहीं तुम्हारे पास भी, मेरा काम ऐसा खास है
बोलो प्रिये क्या दूँ तुम्हे, कुछ भी नहीं मेरे पास है
देश मेरा सो सके, इसलिए जागता हूँ रात भर
फिर मिलूंगा तुमसे मैं, है इस बात की उम्मीद पर
मेरे हौसले और जूनून ही, मेरे देश का विश्वास है
बोलो प्रिये क्या दूँ तुम्हे, कुछ भी नहीं मेरे पास है
मेरे जीवन रथ का, तुम हो एकमात्र सारथी
पर देश के रणक्षेत्र में, मैं देश का महारथी
फ़ना तिरंगे पर मोहब्बत, जब तक चल रही ये सांस है
बोलो प्रिये क्या दूँ तुम्हे, कुछ भी नहीं मेरे पास है
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