Thursday, August 22, 2019

इश्क़

मैं मर्ज हूं मुझको, तुम दुआ  ना समझो l
नाम इश्क़ है मेरा, तुम ख़ुदा ना समझो ll
जी लो आज का  ये पल, कल का किसको पता l
अक्सर  दिल के अज़ीज़ भी, हो जाते हैं  लापता ll
हो जाते है अलग वो भी, जो साथ  चलना चाहे l
गिरते है इसमें वो ही, जो इश्क़ से बचना चाहे ll
ये ज़रूरी नहीं कि, इश्क़ में टूट जाते हैं सभी l
कुछ साहिल पर आकर, भी डूब जाते हैं कभी ll
पर इल्म- ए - इश्क़, होता नहीं मयस्सर सबको l
खड़ा कर देता है दो -राहे पर, ये अक्सर सबको ll
एहसास हूं मै, इसे  दर्दे - बयां ना  समझो l
नाम इश्क़ है मेरा, तुम खुदा ना समझो ll


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