ज्यूँ हर काम का तरीका होता है
इश्क़ करने का भी सलीका होता है
इश्क करने का नहीं, कोई सलीका होता है |
मनमर्जियाँ ही , इश्क़ का तरीका होता है ||
थोड़ा सा पर्दा हो , थोड़ी सी पर्देदारी हो
नींद में ख्वाब में उनके, जगे तो एक खुमारी हो
ख्वाबो में मिलना पड़े, ऐसी भी क्या लाचारी हो |
भरे बाज़ार थामो हाथ, ऐसी कुछ खुमारी हो ||
जब उनसे मिलो, तो मिलने की मर्यादा हो
थोड़ा तक्कलुफ़ हो नजदीकियां न ज़्यादा हो |
मर्यादा में ही मिलना हो , ऐसी भी क्या मज़बूरी है
रिश्तों की मज़बूती ख़ातिर, पास आना भी ज़रूरी है ||
मुश्किल है पर हरदम उनका जिक्र न हो
बीते न लम्हा कोई , जब उनकी फिक्र न हो ||
जिक्र नहीं होता जिनका, उन्हें लोग भूल जाते हैं
डिस्टेंस रिलेशनशिप वाले रिश्ते, अक्सर टूट जाते हैं || (दूर से फ़िक्र)
जो बेवफा निकले , तो भी दुआ सलाम न छूटे
डोर कच्ची भले हो, पर हमेशा के लिए न टूटे
ऐसे ही आशिक अक़्सर, फ्रेंडज़ोन हो जाते हैं
सैंया बनाने वाले छोरे, भैय्या बन रह जाते हैं ||
किसी भी बेवफा पे देखो, ऐतबार न करना
दिल टूटने का डर हो, तो फिर प्यार न करना ||
गर तोल रहे , की नुकसान हुआ या फायदा
तो तुम्हे खाक पता नहीं इश्क़ का कायदा
इश्क में होता नहीं , कानून ना कोई कायदा
परदे की आड़ में जो इश्क़ हो, उस इश्क़ का क्या फायदा ||
इश्क़ के सलीके को, कुछ ऐसे देखे विश्वास
वैसे सबकी अपनी सोच है, अपने अपने आभास
यूँ तो अपना अपना इश्क़ है, अपने अपने ज़ज़्बात
रिस्क भरा जब इश्क़ हो, तो ही बनता इतिहास ||
यूँ तो अपना अपना इश्क़ है, अपने अपने ज़ज़्बात
रिस्क भरा जब इश्क़ हो, वो होता बेहद ख़ास ||