मथुरा गोकुल छोड़ कन्हैया, वृंदावन में आए जी
मन में छवि रख राधा की, ब्रज में रास रसाए जी
काले नैनो वाली राधा , काले कृष्ण बिहारी जी
काला टीका लगा लो राधा, नजर लगे न मुरारी की ।।
तारण हार कहाने वाले, प्रेम नदी ना..तर पाए
गीता पाठ पढ़ाने वाले, ख़ुद मोह पाश से बच ना पाए
चक्रधारी का चक्र चले ना, देख राधा की नैन कटारी जी
काला टीका लगा लो राधा, नज़र लगे ना मुरारी की ।।
महायुद्ध जितवाने वाले, राधा रानी से हारे जी
मनमोहक मुस्कान देख, सब सुधबुद अपना वारे जी
चितचोर का चित्त चुराए, चंचल चितवन राधा की
काला टीका लगा लो राधा, नजर लगे ना मुरारी की ll
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