चार पलों की ज़िंदगी में, दो पल तो जी जाएं l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाए ll
दुनिया के ताने बाने ,तो हम ताउम्र बुनेंगे l
नए नए सिपहसालार ,हर मोड़ पर चुनेंगे ll
भुलभुलैया जग में, कहीं ये यारी ना खो जाए l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाएं ll
मैं भी नहीं हूं तन्हा, तुम भी मशरूफ बहुत हो l
मैं औरों में मशगूल, तुम अपने जहां में खुश हो ll
कहीं अनकही बातें, अब किससे समझे समझाएं l
चल यार मिल ले एक बार, फिर बिछड़ जाएं ll
गुजरे पलों की बातें, क्या याद तुम्हे भी आती हैं l
रिमझिम बूंदे पानी की , क्या आंखों में इठलाती हैं ll
यादों के पिटारे से, फिर वक़्त की धूल हटाए l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाए ll
चार पलों की ज़िंदगी में, दो पल तो जी जाएं l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाए ll
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