Thursday, November 14, 2019

बेस्ट फ्रेंड

चार पलों की ज़िंदगी में, दो पल तो जी जाएं l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाए ll

दुनिया के ताने बाने ,तो हम ताउम्र बुनेंगे l
नए नए सिपहसालार ,हर मोड़ पर चुनेंगे ll

भुलभुलैया जग में, कहीं ये यारी ना खो जाए l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाएं ll

 मैं भी नहीं हूं तन्हा, तुम भी मशरूफ बहुत हो l
मैं औरों में मशगूल, तुम अपने जहां में खुश हो ll

कहीं अनकही बातें, अब किससे समझे समझाएं  l
चल यार मिल ले एक बार, फिर बिछड़ जाएं ll

गुजरे पलों की बातें, क्या याद तुम्हे भी आती हैं l
रिमझिम बूंदे पानी की , क्या आंखों  में इठलाती हैं ll

यादों के पिटारे से, फिर वक़्त की धूल हटाए l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाए ll

चार पलों की ज़िंदगी में, दो पल तो जी जाएं l
चल यार मिल लें इक बार, फिर बिछड़ जाए ll



No comments:

Post a Comment

जिंदगी आज कल

When you live 'Future Blind' & Miss the Moment of 'Now' कभी "कहा" कभी, हम "मौन" रहे । "कल &quo...