Sunday, December 28, 2014

bita varsh

समय बड़ा बलवान है भैय्या , आज हुआ है ज्ञात ।
जाने कितने बरस बीत गए, बीती कितनी रात ॥
आज फिर एक बरस है बीता, छोड़ गया कुछ खट्टी -मीठी याद ।
रखूं संभाले इन यादों को, समझ कर जीवन -सौगात ॥
बाग़-वासंती ,ठण्ड की ठिठुरन और बिन मौसम बरसात ।
एक-एक ऋतु ऐसे बीती, जैसे कल की बात ॥
कुछ याराना, कुछ से घराना, कुछ दूर गए, कुछ रह गए संग ।
कुछ परिताप , कुछ संताप बन गए जीवन-प्रसंग ॥
नए वर्ष का करें हम स्वागत, मिल कर सबके साथ ।
साथ नहीं कुछ साथी अब , पर रहेगी उनकी याद ॥

-प्रियंका 

Monday, March 3, 2014

Mutthi Bhar asmaan

हमे उम्मीद न थी , आप इस कदर पेश आयेंगे ।
ज़रा सी बात पर, इतना दिल दुखायेंगे ॥
कौन सा हमने आपसे , आपका जहां माँगा ।
हमने तो सिर्फ अपनी ही  ज़मी - आसमा माँगा ॥
ये इल्तेज़ा थी कि  , पंखो को दे जगह उड़ने की ।
थोड़ी छोटी हो रही है, माप मेरे पिजड़े की ॥
कांच के टुकड़ो कि तरह, मेरा दिल बिखरायेंगे ।
हमे उम्मीद ना थी कि , आप इस कदर पेश आयेंगे ॥
साथ चलने और निभाने का ये कैसा सिलसिला ।
आधे रास्ते में आपके कदम , यूँ लड़खड़ाएंगे ।
हमे उम्मीद न थी आप इस क़दर पेश आयेंगे ॥

जिंदगी आज कल

When you live 'Future Blind' & Miss the Moment of 'Now' कभी "कहा" कभी, हम "मौन" रहे । "कल &quo...