अब सोच बदलनी होगी,
और राह बदलना होगा |
बहुत चल चुके जमीं पर
अब पहाड़ पर चढ़ना होगा |
पथरीली राहो में,
हम कई कई बार गिरेंगे
जब हाथ ना देगा कोई
तब खुद ही संभालना होगा |
जब घोर अँधेरा छाए
तब दिया जलना पड़ता है|
जब हक ना मिले मांगे से
तब लड़ कर लेना पड़ता है |
बहुत कर ली विनती
सम्यक वाणी , सम्मान से
मिला हमे कुछ भी ना
सिवा भ्रम , अपमान के |
'राम - राज्य ' के सपने को
साकार तो करना होगा |
गाँधी न सही अब तो ,
'चाणक्य ' के पथ पर चलना होगा |
अब सोच बदलनी होगी
और राह बदलना होगा |
-Priyanka@@@@@