Tuesday, July 18, 2023

काला टीका लगा लो राधा

मथुरा गोकुल छोड़ कन्हैया, वृंदावन में आए जी 
मन में छवि रख राधा की, ब्रज में रास रसाए जी
काले नैनो वाली राधा , काले कृष्ण बिहारी जी 
काला टीका लगा लो राधा, नजर लगे न मुरारी की ।।

तारण हार कहाने वाले,  प्रेम नदी  ना..तर पाए 
गीता पाठ पढ़ाने वाले, ख़ुद मोह पाश से बच ना पाए 
चक्रधारी का चक्र चले ना, देख राधा की नैन कटारी जी
काला टीका लगा लो राधा, नज़र लगे ना मुरारी की ।।

महायुद्ध जितवाने वाले, राधा रानी से हारे जी
मनमोहक मुस्कान देख, सब सुधबुद अपना वारे जी
चितचोर का चित्त चुराए, चंचल चितवन राधा  की 
काला टीका लगा लो राधा, नजर लगे ना मुरारी की ll


मुसाफ़िर

कुछ बाते कुछ यादें छोड़ कर, 
कुछ रिश्ते, कुछ नाते तोड़ कर
आसमान छूने की खातिर, 
घर से निकल पड़ा मुसाफिर ll

आंखो को आंसू से धोकर, 
सपनो की चादर ओढ़ कर
किस्मत अपनी आजमाने, 
अंजान डगर चल पड़ा मुसाफिर 

राहों के छद्म चौराहों पर,
ढूंढे उसने कई सच्चे अवसर 
विश्वास की ढाल पहन कर,
 रणभूमि में उतर पड़ा मुसाफिर 

कभी जीत कर, कभी हार कर
मंजिल की डगर पर पार कर
हौसले के बिस्तर पर,
 सर रख कर, सो पड़ा मुसाफ़िर  ll

परदेस में ऊंचे मकाम पर
याद आया छूटा हुआ घर
देर हो गई घर लौटने में.
 फिर ' दिल से बेघर ' हुआ मुसाफिर ll











जिंदगी आज कल

When you live 'Future Blind' & Miss the Moment of 'Now' कभी "कहा" कभी, हम "मौन" रहे । "कल &quo...