Monday, July 27, 2015

डॉ कलाम

डॉ कलाम तुमको सलाम !


आज पवित्र 'अग्नि की उड़ान' हो गयी 

प्रखर ज्योतिर्पुंज की लौ बुझ गयी 
नम नयनो से नमन है उस उम्मीद-किरण को
उस ज्ञानी श्रेष्ठ को , स्वाभिमानी संत को 
आंधी और तूफान में भी जगमगाते रहे ऐसे 
वो एक घृत का दिया नहीं , मशाल हो कोई जैसे 
देशवाशियों को वो शांति -प्रेम- ज्ञान का नारा दे गया 
जमीं से जुड़ा इन्सां, आज आसमा का सितारा बन गया

जिंदगी आज कल

When you live 'Future Blind' & Miss the Moment of 'Now' कभी "कहा" कभी, हम "मौन" रहे । "कल &quo...