Monday, August 6, 2012

अब सोच बदलनी होगी...


अब सोच बदलनी होगी,
और राह बदलना होगा |
बहुत चल चुके जमीं पर
अब पहाड़ पर चढ़ना होगा |
   पथरीली राहो में,
   हम कई कई बार गिरेंगे
   जब हाथ ना देगा कोई
   तब खुद ही संभालना होगा |
जब घोर अँधेरा छाए
तब दिया जलना पड़ता है|
जब हक ना मिले मांगे से
तब लड़ कर लेना पड़ता है |
  बहुत कर ली विनती
  सम्यक वाणी , सम्मान से
  मिला हमे कुछ भी ना
  सिवा भ्रम , अपमान के |
'राम - राज्य ' के सपने को
साकार तो करना होगा |
गाँधी न सही अब तो ,
'चाणक्य ' के पथ पर चलना होगा |
     अब सोच बदलनी होगी
     और राह बदलना होगा |

-Priyanka@@@@@

जिंदगी आज कल

When you live 'Future Blind' & Miss the Moment of 'Now' कभी "कहा" कभी, हम "मौन" रहे । "कल &quo...